बाराबंकी। शनिवार को शहर का धनोखर सरोवर नव संवत को शिरोधार्य करने की उत्सव स्थली बन गया। 51 हजार दीपों एवम् एलईडी बल्बों से जगमगाते कार्यक्रम स्थल पर एकत्रित स्थानीय साधु-संतों एवम् आम नागरिकों ने नव संवत्सर का स्वागत भव्यता से किया। सुगम बहार संगीत के कलाकारों ने भजनों की शानदार श्रृंखला प्रस्तुत की। तीन दर्जन विद्यालयों के बच्चों ने दीप प्रज्वलन में अपना योगदान दिया। इस मौके पर मौजूद स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने संबोधित करते हुए कहा कि नव संवत्सर न केवल आम भारतीयों में नई ऊर्जा का संचार करता है , बल्कि संपूर्ण प्रकृति इस अवसर पर नए कलेवर में होती है। उन्होंने कहा कि नव संवत्सर समृद्ध भारतीय परंपराओं का उत्सव है। इसके जरिए गौरवमय भारतीय विरासत को संरक्षित रखने एवम् प्रकृति के उपहारों को आत्मसात किया जाना चाहिए। आरएसएस के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख मनोज ने कहा कि हिंदू नव संवत्सर का स्वागत जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण है कि अपनी प्राचीन विरासत को सहेज कर रखना। उन्होंने कहा कि नव संवत्सर महोत्सव भारतीय समाज का स्वाभिमान जगाने में मील का पत्थर साबित होगा। नव संवत उन विक्रमादित्य को नमन करने का अवसर है जिन्होंने ईस्वी सन् के 58 वर्ष पूर्व विक्रमी संवत का प्रवर्तन किया और सांस्कृतिक उन्नायक के रूप में राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण कराने के साथ अयोध्या का पुनरुद्धार कराया। संचालन प्रवक्ता आशीष पाठक ने किया। देर शाम महाकुंभ से लाए गए संगम के अमृत जल को चक्रतीर्थ सरोवर में अर्पित किया गया। काशी से पधारे विद्वान पुजारियों ने चक्रतीर्थ सरोवर की आरती संपन्न कराई। डिजिटल आतिशबाजी का लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। इस अवसर पर स्वामी चेतना नंद,राज्य मंत्री सतीश शर्मा, राष्ट्रीय एससी एसटी अयोग की सदस्य अंजू बाला, सह विभाग प्रचारक अमरजीत, जिला कार्यवाह सुधीर , जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, उपेन्द्र सिंह रावत, अरविंद मौर्य, विपिन सिंह राठौर, नवीन राठौर, सुजीत चतुर्वेदी, पंकज गुप्ता, संतोष सिंह, अवधेश श्रीवास्तव, श्रवण सिंह, विभम, रविनन खजांची , विजय आनंद बाजपेई, आशुतोष सिंह सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
हजारों महिलाओं ने भगवा ध्वज के साथ की सनातन धर्म की रक्षा की शपथ
नव संवत्सर के स्वागत में शनिवार को शहर की सड़कों पर मातृशक्ति का विशाल जनसैलाब उमड़ा। महिलाएं और बच्चे भारतीय नव वर्ष के स्वागत में उत्साहित दिखे। यात्रा नागेश्वर सरोवर से शुरू होकर धनोखर सरोवर तक ढाई घंटे में पूरी हुई। मार्ग में कई स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर मातृशक्ति का अभिवादन किया। पदयात्रा में प्रभु राम, विक्रमादित्य और स्वामी विवेकानंद सहित भारतीय महापुरुषों की भव्य झांकियां सजाई गईं। राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग की सदस्य अंजू बाला ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा में मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सनातन परंपरा और संस्कृति के प्रति महिलाओं के समर्पण की सराहना की। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने भारतीय नारी को दुर्गा और सरस्वती का रूप बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय नव वर्ष श्री राम के राज्याभिषेक का दिन है और सृष्टि की उत्पत्ति का दिन भी है। उनका मानना है कि यह महोत्सव पूरे प्रदेश में लोगों को जागरूक करेगा। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, सरिता सिंह, नीता अवस्थी, सुमन श्रीवास्तव समेत हजारों की संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हुए।