Tuesday, April 29, 2025
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चकबंदी अधिकारियों ने दूसरी महिला के नाम कर दी सात बीघा जमीन की वरासत

  • महिला ने जालसाजी कर वोटर लिस्ट में मृतक की पत्नी बन कर दर्ज करा लिया नाम

  • वोटर लिस्ट के आधार पर वरासत करने वाले चकबंदी अधिकारियों पर मुकदमा

बाराबंकी। 39 साल पहले मर चुकी महिला के स्थान पर दूसरी महिला ने एक व्यक्ति की पत्नी बन कर मतदाता सूची में नाम दर्ज करा मृतक की सात बीघा जमीन अपने नाम वरासत करा ली। मृतक की बेटी ने तहसीलदार न्यायालय में काफी लंबी लड़ाई के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय पर आदेश के बाद बेटी की तहरीर पर सफदरगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसमें साठगांठ करने वाले तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी, लेखपाल, सचिव व खरीदारों को नामजद किया गया है।

सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम रहरामऊ निवासी रघुनाथ यहां के कई बार प्रधान भी रहे थे। जिनकी पत्नी गंगादेवी की मौत 18 अप्रैल को हो गई थी जबकि रघुनाथ की मौत 2011 में हुई थी, उसी दौरान गांव में चकबंदी प्रक्रिया चल रही थी। रघुनाथ और गंगा देवी की इकलौती वारिस नन्हा देवी उर्फ श्यामा का विवाह जैदपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बछलट निवासी फकीर चंद्र के साथ काफी पहले ही गया था। चकबंदी दौरान घिर्राऊ की पत्नी रमाता जालसाजी से वोटर लिस्ट 2011 में रघुनाथ की कथित पत्नी के रूप में अंकित कर लिया। मृतका के बेटी ने बताया कि रमाता से मृतक रघुनाथ की पत्नी गंगा देवी बनी फर्जी महिला ने वोटर लिस्ट के आधार पर सहायक चकबंदी अधिकारी, लेखपाल, सचिव से साठगांठ कर उसके पिता की सात बीघा जमीन की वरासत अपने नाम करा ली।
पीड़िता ने आरोप लगाया गया है कि रमाता से गंगादेवी बनी महिला ने उसकी सात बीघा जमीन को साल 2013 के 28 नवंबर को कोतवाली नगर के लक्ष्मणपुरी के वीरेंद्र पटेल से बेचने का इकरारनामा करा कर बैनामा करा दिया। लेकिन जमीन के खरीदार वीरेन्द्र पटेल के नाम जमीन का खारिज दाखिल नहीं हो सका, जिस का मुकदमा भी तहसीलदार न्यायालय में अभी तक लंबित है।

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