बाराबंकी। दबंग की मनबढ़ई ऐसी की एक महिला व उसका परिवार अपने ही पैतृक घर पर आने-जाने से कतराने लगा है। उसे डर है कि कहीं गांव के कुछ लोग उसके साथ कोई अनहोनी ना कर दें। यह आशंका बरेठी गांव निवासी सरला यादव पत्नी उमेश चंद्र यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए जताई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह अपने पति के साथ ग्राम बरेठी थाना देवा तहसील नवाबगंज में रहती हैं। उनका मायका ग्राम चरपुरवा मजरे टाईखुर्द, थाना देवा, जिला बाराबंकी का है। माता पिता का देहांत व पीड़िता का कोई भाई ना होने पर वह उनकी चल व अचल सम्पत्ति की मालिक है। जहां आरोप है कि पीड़िता के सहन की भूमि पर हकबंदी के लिए दीवार बनी हुई थी। जिसे बीते फरवरी माह में गांव के जगभान पुत्र स्व.जगदीश व उनके चाचा जगदेव पुत्र स्व. अशर्फी ने तोड़ दी। जिसे तहसील प्रशासन ने उक्त विवाद को सुलझाते हुए 5 अप्रैल 2024 को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में उक्त दीवार को बनवा दिया गया था। उक्त दीवार को पीड़िता ने बीते रविवार को ऊंचा करा दिया। इधर अपने पति के साथ ससुराल बरेठी चली आयी। दूसरे दिन सुबह जब पीड़िता दीवार पर पानी डालने के लिए मायके पहुँची। तो विपक्षी जगभान और उसके चाचा जगदेव ने गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर उक्त दीवार को तोड़ दिया था। पीड़िता के पूछने अथवा विरोध जताने पर आरोपी मारपीट पर उतारु हो गए। क्योंकि विपक्षी दबंग प्रवृत्ति के हैं इसलिए पीड़िता भी शांत होकर ग्राम बरेठी चली आई। अब देखने वाली बात होगी कि महिला सशक्तिकरण को लेकर तमाम अभियान चलाने वाली पुलिस क्या इस मामले को संज्ञान में लेकर पीड़ित महिला को न्याय दिलाने का कार्य करेगी।