पीएम आवास के पात्रों के हो रहे सर्वे में आंकड़ा आया सामने, 15 मई तक होगा सर्वे
बाराबंकी। जिले में पीएम आवास से एक लाख 10 हजार से अधिक लोग वंचित हैं। यह आंकड़ा अभी तक हुए सर्वे में सामने आया है। सर्वे की तिथि बढ़ने से अभी यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इससे पहले 32 लाख आबादी वाले जिले में पीएम आवास के लाभार्थी ढूंढ़ें नहीं मिले थे। जिससे अधिकारियों ने शासन से मिले लक्ष्य को सरेंडर कर दिया था। शासन स्तर से सर्वे की तिथि बढा कर 15 मई कर दी गई है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास का सर्वे 31 दिसंबर 2024 से चल रहा है। चार महीने तक चलने वाले इस सर्वेक्षण में पात्र व्यक्ति भी स्व सर्वे कर रहे हैं। वहीं, 403 सर्वेयर डोर-टू डोर सर्वे कर गरीबों का चयन करने में लगे हैं। अब तक स्व और सर्वेयर के माध्यम से हुए सर्वेक्षण में एक लाख 15 हजार 63 लोगों का चयन कर लिया गया है। जिले की 1155 ग्राम पंचायतों के 1831 राजस्व गांवों में सर्वे 15 मई तक पूरा करना है।
जिले में इतनी संख्या में मिले बेघर परिवारों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। वर्ष 2019 में पीएम सर्वे हुआ था, उसमें महज 82 हजार परिवार निकले थे। प्रत्येक वर्ष सरकार आवास बनाने का लक्ष्य देती गई और छंटनी होती गई। लगभग 50 हजार ही पात्र निकले और अन्य अपात्र निकल गए। अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्ति न मिलने पर लक्ष्य सरेंडर भी करना पड़ा। इनकी संख्या तकरीबन पांच से छह हजार होगी। छह वर्ष बाद फिर से सर्वे हुआ तो एक लाख दस हजार पात्र निकल चुके हैं, अभी सर्वे हो रहा है, जो 15 मई तक चलेगा। जिले में 16 हजार 354 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने स्वयं सर्वे किया है। इन लोगों ने सर्वे के दौरान घर बैठे मोबाइल से आवेदन किया है। आवास प्लस एप खोलकर घर की आनलाइन फोटो अपलोड कर नाम, पता, ब्लाक और जिला व हैसियत भरी है। इन्होंने अपने आपको पात्र बताया है।
परियोजना निदेशक मनीष कुमार ने बताया कि एक लाख दस हजार पात्र सर्वे में मिले हैं। सर्वे के बाद रेंडम जांच होगी, इसके लिए अधिकारियों को नामित कर दिया गया है। जांच करने वालों में जिला पूर्ति अधिकारी, बीएसए, डीआइओएस, डीपीओ, जिला समाज, अल्पसंख्यक, दिव्यांग, पिछड़ा अधिकारी लगाए गए हैं। वहीं, पशुपालन, कृषि, उपनिदेशक, उद्यान, ग्रामोद्योग, लघु सिंचाई, मत्स्य, लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, सहकारी समितियां, मनरेगा, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, श्रम, प्रोबेशन विभाग सहित 60 अधिकारी शामिल हैं।