Monday, June 9, 2025
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HomeBARABANKI NEWSइंसानियत पर भारी पड़ी बदोसरांय और टिकैतनगर पुलिस की संवेदनहीनता

इंसानियत पर भारी पड़ी बदोसरांय और टिकैतनगर पुलिस की संवेदनहीनता

  • भैंस नहला रहे युवक के डूबने के बाद बचाव के लिए सीमा विवाद पर उलझी रही पुलिस

  • उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद शुरु हो सकी सरयू नदी में तलाश

बाराबंकी। सरयू नदी में भैंस नहला रहा एक युवक अचानक गहरे पानी में चले जाने से डूब गया। परिजनों ने बचाव के लिए पुलिस से मदद मांगी। लेकिन पुलिस की संवेदनहीनता देखिये किसी की जान बचाने में सीमा विवाद आड़े आ गया। बदोसरांय और टिकैतनगर पुलिस की सीमा विवाद से तीन घंटे तक डूबे युवक की तलाश का कार्य नहीं शुरु हो सका। परिजन जीखते चिल्लाते रहे लेकिन दोनों थानों की पुलिस ने सीमा क्षेत्र से बाहर होने की बात कहते हुए बचाव कार्य शुरु करने से पल्ला झाड़ लिया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गोताखोरों को बुलाकर नदी में युवक की तलाश शुरु हो सकी। देर शाम तक युवक का कुछ अता पता नहीं चल सका।

डूबे युवक की तलाश करते गोताखोर
डूबे युवक की तलाश करते गोताखोर

घटना सोमवार दोपहर की है, जब बदोसरांय के मुड़िया डीह गांव का युवक 22 वर्षीय बलराम गांव से सटे सरयू नदी किनारे भैंस नहला रहा था। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चले गया। पानी के तेज बहाव से काफी दूर तक बहता हुआ चला गया। आसपास मौजूद लोगों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे तो चीख-पुकार मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सबसे पहले बदोसराय थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन अधिकारियों ने यह कहते हुए राहत कार्य रोक दिया कि यह क्षेत्र टिकैतनगर थाने के अंतर्गत आता है। इसके बाद टिकैतनगर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन वह भी तत्काल राहत कार्य शुरू करने में असमर्थ रही। दोनों थानों के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर करीब तीन घंटे तक भ्रम की स्थिति बनी रही। इस दौरान न तो कोई गोताखोर मौके पर भेजा गया और न ही बचाव कार्य शुरू हुआ। परिजन व्याकुल होकर नदी किनारे बैठकर अपने लापता बेटे की तलाश की आस लगाए रहे। गांव के लोग भी प्रशासन की इस बेरुखी पर आक्रोशित नजर आए। ग्रामीणों का कहना था कि अगर समय से राहत कार्य शुरू हो गया होता तो बलराम की जान बचाई जा सकती थी।
घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो सीओ रामनगर गरिमा पंत और रामसनेहीघाट के सीओ जटाशंकर मिश्रा मौके पर पहुंचे और तत्काल गोताखोरों को बुलाकर तलाश शुरू कराई। देर शाम तक युवक का कोई सुराग नहीं मिल सका था, लेकिन नदी में खोजबीन जारी थी। घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सवाल किया है कि जब हादसे के बाद फौरन सूचना दी गई थी, तो तीन घंटे तक सिर्फ थानों की सीमा को लेकर बहस क्यों होती रही। लोगों ने मांग की है कि ऐसी परिस्थितियों में स्पष्ट कार्यप्रणाली निर्धारित की जाए, ताकि आपदा के समय किसी की जान प्रशासनिक असमंजस की भेंट न चढ़े। थाना प्रभारी रत्नेश पांडेय का कहना है कि जिस स्थान पर युवक डूबा है, वह थाना टिकैतनगर के अधिकार क्षेत्र में आता है। टिकैतनगर थाना पुलिस द्वारा गोताखोरों की मदद से खोजबीन की जा रही है।

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