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पक्षियों से फसल बचाव के लिए जहरीला गेंहूं डालने का आरोप
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वन विभाग ने दर्ज किया चार किसानों पर मुकदमा, एक गिरफ्तार
बाराबंकी। देवा थाना क्षेत्र के एक गांव में सोमवार की सुबह राष्ट्रीय पक्षी सहित लगभग 20 पक्षियों के शव खेतो मे पड़े देखे गए। जिन्हें कुत्ते नोच रहे थे। काफी संख्या में मरे पक्षियों को देख एकत्र हुए ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची क्षेत्रीय वन रेजं की टीम ने जांच पड़ताल की। टीम ने खेत में कीटनाशक डालने तथा पड़े मिले विषाक्त गेंहू के खाने से पक्षियों से मौत की बात कही है। इस मामले में वन विभाग ने गांव के चार किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पक्षियों के शव का पोस्टमार्ट कराकर विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा जायेगा।
देवा कोतवाली अंतर्गत ग्राम मऊजानीपुर में सोमवार सुबह मोर सहित कई पक्षियों की मौत की सूचना पर पहंचे डिप्टी रेंजर प्रशांत कुमार ने टीम के साथ जायजा लिया। जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि जिस खेत व बाग में मृत पक्षी मिले हैं वहां विषाक्त अनाज छिड़का व ढेर में रखा मिला है। वन रेंजर मयंक सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया खेत में पड़ा कीटनाशक व विषाक्त गेंहू के कारण पक्षियों की मौत हुई है। मौके पर एक मोर, 13 कौवा, एक जल मुर्गी, दो धूसर पंडुक, एक महोख, दो तीतर पक्षियों के शव बरामद हुए हैं। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामले में गांव के ही जितेंद्र वर्मा उर्फ गुड्डू, कुलदीप कुमार उर्फ अंबुज, राजाराम रावत उर्फ रजाक और अमर सिंह वर्मा के खिलाफ वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। वहीं मोर सहित सभी मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम कराया गया है, जिनके विसरा रिपोर्ट से मौत कारण स्पष्ट होगा। डीएफओ आकाश बधावन ने बताया कि किसानों ने फसल रखवाली के लिए विषाक्त का छिड़काव किया था, जिससे पक्षियों की मौत हुई है।
काफी संख्या में कौवे के मंड़राने से बढ़ा शकः सोमवार सुबह एक खेत के ऊपर काफी संख्या में कौवा को मड़राता देख ग्रामीणों को किसी अनहोनी का शक हुआ। जिस पर ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर देखा तो सभी अचंभित रहे गई। उन्हें दर्जनों की संख्या में वहां पक्षियों के शव दिख रहे थे। जिन्हें कुछ कुत्ते नोच रहे थे। दो कौवे बेसुध दशा में मिले। जिन्हें वन विभाग कार्यालय में रखा गया। रेंजर मयंक सिंह ने बताया कि पक्षियों के शव का मामापुर पशु चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराया गया है। पशु चिकित्सा अधिकारी खिलाड़ी शंकर ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पक्षियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। विसरा जांच के लिए भेजा जाएगा।
विषाक्त गेंहू खाने से मोर सहित 20 पक्षियों की हुई मौत
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