बाराबंकी। मनरेगा योजना से अब दिव्यांगजन को उनकी योग्यता, क्षमता और कार्यकुशलता के अनुसार सरकार रोजगार देगी। जिससे आजीविका का समान अधिकार भी इनको मिल सकेगा। सरकार के निर्देश पर जिले स्तर पर कवायद तेज हो गई है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए बनी कार्ययोजना में दिव्यांगों को व्यक्तिगत लाभ दिलाए जाने की पहल की गई है।
जिले में 22 हजार से अधिक दिव्यांग हैं। दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनने के मत्स्य, पशु, बकरी पालन, गोशालाओं में गोबर से कंपोस्ट बनाने के जरिए रोजगार दिया जाएगा। कोई भी दिव्यांग यदि रोजगार के लिए आर्थिक मदद लेना चाहता है, तो उसके आवेदन पर मनरेगा से रोजगार के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी। विकास खंड स्तर पर मांग के अनुसार बीडीओ, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी और तकनीकी सहायक के अलावा सचिव कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करेंगे। दिव्यांगों को अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ने पर फोकस रहेगा।
अभी तक दिव्यांगजन को कौशल विकास की ट्रेनिंग, अनुदान राशि, पेंशन, सहायता तथा कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण आदि सशक्तीकरण विभाग से दिया जा रहा है। इसके अलावा दिव्यांगजन से विवाह करने पर भी अनुदान राशि निर्धारित है।
74 लाख से ज्यादा सृजित किए जाएंगे मानव दिवस
मनरेगा से 2025-26 में ग्राम पंचायतों के विकास की नींव रख दी गई हैं। करीब 300 करोड़ की लागत से विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं। 1155 ग्राम पंचायतों में लगभग 74 लाख दिवस कर दिए गए हैं। पिछले वर्ष 240 करोड़ रुपये की कार्ययोजना थी।
कराए जाएंगे यह कार्य
प्रधानमंत्री आवास में 90 दिन की मजदूरी, अमृत सरोवर का निर्माण, पौधारोपण, समतलीकरण, मेड़बंदी, बकरी पालन, काउसेंटर के साथ ही कार्ययोजना में नाली, खड़ंजा और कच्चे चकमार्ग, बाउंड्रीवाल, पौधशाला, समूह के रोजगार के लिए यूनिट स्थापना के निर्माण को बजट में शामिल किया गया है। श्रमिकों को अधिक से अधिक काम दिलाने की भी रूपरेखा बनी है।
फैक्ट फाइल
विकास खंड – 15
ग्राम पंचायतें- 1,155
जाबकार्डों की संख्या- 3,51,237
सक्रिय जाबकार्ड- 2,49,282
सक्रिय महिला जाबकार्ड- 1,04,927
मनरेगा का विस्तृत लेबर बजट तैयार किया चुका है। इसमें यदि केई रोजगार के लिए आवेदन करता है, तो उसे मनरेगा से आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। इस बार दिव्यांगों पर अधिक फोकस रहेगा। कार्ययोजना में उन्हें शामिल किया गया है।
ब्रजेश त्रिपाठी, डिप्टी कमिश्नर, मनरेगा