जबरीकला में 1.67 लाख गबन की पुष्टि पर डीएम ने दिया रिकवरी का आदेश
बाराबंकी। देवा के ग्राम पंचायत जबरीकलां में विकास कार्यों में किए गए गबन की शिकायत पर सीडीओ ने जांच टीम गठित कर जांच कराई थी। तीन सदस्यीय टीम की जांच में घोटाले की पुष्टि हुई। यहां पौध रोपण कार्य, नाला से लेकर खारजा की खोदाई में अनियमितता बरती गई। घोटाले की पुष्टि होने पर पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जांच अधिकारी ने जारी की थी। नोटिस मिलने के बाद सचिव ने तो अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया लेकिन तकनीकी सहायक ने कोई जवाब नहीं दिया। डीएम ने मामले की जांच आख्या मिलने पर ग्राम प्रधान, सचिव एवं तकनीकी सहायक को नोटिस भिजवा कर रिकवरी का आदेश दिया है।
यहां पाई गई अनियमितताः शिकायत पर गठित हुई जांच टीम को लीलापुरवा में नईमऊ तक नाला खोदाई के लिए पैसा निकाल लिया गया लेकिन वहां खोदाई ही नही हुई है। जरूवा नहर से रेठ नदी तक खाराजा खोदाई में भी अनियमितता पाई गई। आठ मस्टर रोल जारी कर एक लाख 67 हजार रूपए निकाल लिए गए हैं। जांच टीम ने पंचायत सचिव सत्यनाम मौर्य, तकनीकी सहायक राम प्रताप व ग्राम प्रधान मंजू देवी को गबन करने की नोटिस भेज कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। जिसमें डीएम ने तीनों को रिकवरी के आदेश जारी किए हैं।
प्रधान के अधिकार सीज: जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडेले के अनुसार विकास खण्ड बनीकोडर के ग्राम पंचायत इब्राहिमाबाद के ग्रामीणों दिग्विजय सिंह, शत्रोहन सिंह, धर्मराज सिंह ने डीएम से शिकायत की थी। जिसमें ग्राम प्रधान पर विकास कार्यों में गबन का आरोप लगाया था। मामले का गंभीरता से डीएम ने संज्ञान लिया। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बीके द्विवेदी और सहायक अभियंता लोक निर्माण खंड तीन अरविंद मिश्रा से जांच कराई गई। टीम की जांच में पता चला कि अवध राम के घर से तालाब तक दिखाई गई 53 मीटर नाली निर्माण वास्तव में 39 मीटर है। पुरानी नाली की मरम्मत कर नई नाली दिखाई गई। नाली निर्माण के पत्रावलियों पर किसी तकनीकी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। माप पुस्तिका तैयार नहीं थी। यहां लगभग 27 हजार 358 रुपये के गबन करने की पुष्टि हुई। वहीं, मथुरा के घर से मनोज के घर तक खड़ंजे की जांच की गई। इसमें नई और पुरानी ईंट मिलाकर खड़ंजा लगाया गया। पैसा नई दरों पर निकाला गया। 41 हजार 480 रुपये और हैंडपंप रिबोर के नाम पर 30 हजार रुपये के गबन की पुष्टि हुई। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने सोमवार को प्रधान के अधिकार को सीज कर दिया है, जबकि सचिव के निलंबन के लिए पत्र डीडीओ को भेजा है।