Monday, April 28, 2025
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प्रापर्टी डीलरों ने जमीन बेचने से इंकार पर दूसरे के नाम करा दी जमीन की वरासत

एसडीएम की फटकार के बाद लेखपाल ने दर्ज कराया छह पर केस

बाराबंकी। अयोध्या हाइवे से सटे पल्हरी मंे एक प्रापर्टी डीलर ने जमीन बेचने से इंकार करने पर एक शख्स की जमीन का दूसरे के नाम वरासत करा दिया।फिर जमीन को अपने ही शख्स को गवाह बनाकर बेचवा दिया।वास्तविक किसान के शिकायत के बाद आनन-फानन तहसीलदार कोर्ट से हुई वरासत का खारिज कर दिया गया।साथ ही कोतवाली नगर मंे छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।पल्हरी के लेखपाल कमलेश शर्मा ने मंगलवार की रात कोतवाली नगर मंे एक मुकदमा दर्ज कराया है जिसमें कहा है कि 13 फरवरी को एक आवेदन ऑनलाइन पल्हरी के मजरे सोहराबाद के मंशाराम पुत्र रामसागर का मिला।इसमें उसने अपनी मां कौशल्या पत्नी रामसागर की मौत नौ जून 2024 को हो जाने और जमीन को अपने नाम दर्ज किए जाने की मांग की गई।साथ मंे मृत्यु प्रमाणपत्र व परिवार रजिस्टर की नकल,मतदाता पहचान पत्र लगा था।इसमंे मृतका का नाम कौशल्या उर्फ राजदेई दर्ज था।इस पर मंशाराम ने पल्हरी के अभयराज राजपूत व प्यारेपुर सरैया के चंदन,सोहराबाद के निवासी शिवचरन,शोभाराम व प्रदीप ने कौशिल्या उर्फ राजदेई एक ही महिला का नाम होने की बात कहीं।इसके आधार पर रिपोर्ट दी गई और जमीन मंशाराम के नाम वरासत कर दी गई। तहसीलदार नवाबगंज कोर्ट से हुई इस वरासत की कार्रवाई को निरस्त करा दिया गया बताया गया है।

नौ दिन में ही पूरी कर दी गई वरासत की कार्रवाई

किसान अर्जुन ने कहा कि लेखपाल,प्रापर्टी डीलर की गठजोड़ का स्पष्ट प्रमाण नौ दिन में दो करोड़ कीमत की जमीन की वरासत के लिए ं आवेदन किया गया और तहसीलदार कोर्ट से आदेश पर जारी कर दिए गए।अर्जुन ने बताया कि मामले मंे 13 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन कर वरासत की मांग की गई।लेखपाल ने महज नौ दिन मंे 22 फरवरी को ही जमीन वरासत कर दी।इतना ही नहीं 28 फरवरी को ही यह जमीन बेच भी दी गई।अर्जुन ने बताया कि उसकी बुआ कौशल्या के नाम पल्हरी गांव मंे गाटा संख्या 631/2689 रकबा 0.243 हेक्टेअर दर्ज थी।साल 2013 मंे कौशल्या ने पल्हरी गांव की जमीन को उसके नाम वसीयत कर दी थी और अहमदपुर की बाकी जमीन व घर अपने बेटे हनोमान को कर दी।इधर 2016 मंे बुआ कौशिल्या की मौत हो गई।इस पर उसने वसीयत के आधार पर यह जमीन अपने नाम दर्ज करने के लिए नायब तहसीलदार प्रतापगंज की कोर्ट मंे वाद दायर किया।इस बीच हनोमान ने इस पर आपत्ति कर दी और केस अभी न्यायालय पर चल रहा है।इधर उसके खेत के बगल प्लाटिंग कर रहीं राइजिंग ब्रदर्स रियल स्टेट कंपनी के प्रकाश वर्मा व सचिन मिश्र ने उस पर यह जमीन बेचने का दबाव बनाया।उसके जमीन बेचने से मना करने पर कंपनी के करीबी लोगों ने लेखपाल से मिलकर जमीन की वरासत कौशिल्या का बेटा बताते हुई मंशाराम के नाम दर्ज कर दी गई।

‘‘मामले में लेखपाल व अन्य की भूमिका की अलग से जांच होगी।’’आनंद तिवारी,एसडीएम नवाबगंज,बाराबंकी

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