Tuesday, April 29, 2025
Google search engine
HomeBARABANKI NEWSदोनों बच्चों के मिले शव, पिता का नहीं लगा सुराग

दोनों बच्चों के मिले शव, पिता का नहीं लगा सुराग


शादी से लौटते समय नहर में परिवार के डूबने का प्रकरण, लापता पवन की तलाश जारी


पुत्री का कुशंभा तो बेटे का मिला सतरिख के बड़ापुरवा के पास नहर में उतराता शव


बाराबंकी। मटियारी में एक तिलकोत्सव में शामिल होकर लौटते समय देवा के मामापुर स्थित शारदा सहायक नहर में पूरे परिवार के डूबने की हुई दिल दहला देने वाली घटना में दोनों बच्चों के शव बरामद कर लिए गए है। दो दिन पहले महिला का शव मिला था। जबकि अभी तक बच्चों का पिता लापता है, जिसकी तलाश में एसडीआरएफ टीम लगी है।
कोतवाली फतेहपुर के ग्राम गंगौली निवासी रामनाथ गौतम का 33 वर्षीय पुत्र पवन कुमार 02 अप्रैल को अपनी 30 वर्षीय पत्नी उर्मिला देवी, 12 वर्षीय पुत्री रागिनी तथा 08 वर्षीय पुत्र अर्पित को लेकर थाना चिनहट के मटियारी गांव में एक तिलकोत्सव में शामिल होने गया था। बताया जाता है कि मटियारी से देर रात पवन पत्नी व पुत्र और पुत्री को लेकर एक ही मोटर साइकिल पर सवार होकर घर लौटा था। लेकिन सुबह तक गंगौली गांव नहीं पहुंचा तो स्वजनो ने मटियारी में सपंर्क साधा। स्वजनों को बताया गया कि पवन बेटी-बेटा और पत्नी के साथ दो अप्रैल की रात में ही लौट गया था। जिसके बाद परिजनों ने तलाश करते हुए नात रिश्तेदारों से संपर्क साधा लेकिन कहीं पता नहीं चला। 03 अप्रैल को पवन के पिता रामनाथ ने चिनहट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस की जांच में पता चला कि पूरा परिवार मोटर साइकिल सहित नहर गिरने से डूब गया है।
पत्नी, बच्चों के मिले शव लेकिन पवन लापताः घटना के दूसरे दिन जैदपुर के दरांवा में मिर्जापुर के पास महिला का शव मिला था, जिसकी शिनाख्त के रूप में परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंच कर की थी। अब दोनों बच्चों अपराजिता एवं अर्पित का शव नहर में उतराता हुआ शनिवार की सुबह देखा गया। जिसे बाहर निकाल कर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लेकिन एसडीआरएफ और पुलिस के काफी मशकक्त के बाद भी अभी तक बच्चों के पिता पवन का सुराग नहीं लग सका है।


तो टल सकता था हादसाः


शारदा सहायक नहर के मामापुर पुल के पास जिस जगह से पूरा परिवार मोटर साइकिल सहित नहर में समाया है वहां पर ऑस्फोर्ड स्कूल के पास अंधा मोड़ है और नहर पटरी किनारे कोई बैरीकेडिंग नहीं। अगर नहर के किनारे बैरीकेडिंग होती तो शायद परिवार नहर में जाने से बच सकता था। इससे पहले भी कई हादसे इसी जगह पर हो चुके हैं। बावजूद इसके लोगों की जान जोखिम से बचाव के कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments