पदोन्नति पाने के लिए स्वघोषणा पत्र में छिपाया न्यायालय में विचाराधीन वाद
बाराबंकी। अपने विरूद्ध न्यायालय में विचाराधीन मुकदमे के तथ्य को छिपाकर स्वघोषणा पत्र देकर पदोन्नति पाने वाले डीसीआरबी कार्यालय में निरीक्षक अंगद प्रताप सिंह पर कोतवाली नगर में पुलिस कार्यालय की प्रधान लिपिक एसआई मीना भाटिया ने मुकदमा दर्ज कराया है।
जिले में डीसीआरबी कार्यालय में निरीक्षक के पद पर तैनात अंगद प्रताप सिंह ने वर्ष 2015-2016 में पदोन्नति के समय एसपी कार्यालय फतेहपुर को स्वघोषणा पत्र दिया था। जिसमे में अंगद प्रताप ने अपने खिलाफ न्यायालय में विचाराधीन वाद की जानकारी नहीं दी थी, जबकि अंगद के खिलाफ कानपुर के थाना कर्नलगंज में अपराध संख्या 124 वर्ष 1999 में आईपीसी की धारा 395, 34, 399 में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामला संज्ञान में आने पर एसपी दिनेश कुमार सिंह ने सीओ सदर हर्षित चौहान से जांच कराई। जिसमें निरीक्षक पर वर्ष 1999 में दर्ज हुए मुकदमे के बाद 2002 में 392, 342, 388 व 7, 13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का में दर्ज मुकदमे की चार्टशीट 02 अक्टूबर 2002 को न्यायालय भेजी गई थी। इसके बाद भी तथ्य छिपा कर पदोन्नति के समय वर्ष 2016 में स्वघोषणा पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय फतेहपुर में जमा कर दिया। निरीक्षक पर आरोप है कि पदोनत्ति का लाभ पाने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर छल किया गया। जांच में दोषी पाए जाने पर डीसीआरबी के निरीक्षक पुलिस कार्यालय की प्रधान लिपिक एसआई मीना भाटिया ने कोतवाली नगर में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है।
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