– कार्यालय में ले रहे थे रिश्वत, एंटी करप्शन ने किया ट्रेप
– मुकदमे से नाम निकलवाने के नाम पर मांगे थे रुपये, मुकदमा दर्ज
बाराबंकी। मारपीट के दर्ज मुकदमे से तीन आरोपितों के नाम निकालने के बदले 30 हजार रुपये की घूस की रकम लेते हुए एंटी करप्शन की टीम ने गुरुवार की शाम एक दरोगा सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।इनके खिलाफ एंटी करप्शन की धाराओं में कोठी थाने पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है।एसपी दिनेश कुमार सिंह ने दरोगा को निलंबित कर दिया है।अयोध्या से आई एंटी करप्शन टीम की ट्रैप टीम प्रभारी इंस्पेक्टर अनुराधा सिंह की ओर से अभियोग पंजीकृत कराया गया है।
एंटी करप्शन ने यह कार्रवाई हैदरगढ़ कोतवाली के भिखारी खेड़ा मजरे सहावर निवासी रामानंद तिवारी के पुत्र रवि चंद्र तिवारी की शिकायत पर की है। 27 नवंबर 2024 को हैदरगढ़ कोतवाली में मारपीट व आगजनी आदि की धाराओं में मुकदमा लिखा गया था। यह मुकदमा गांव के ही प्रवेश कुमार तिवारी ने कराया था। जिसमें कई लोगों के साथ रामानंद, उनके पुत्र अभिमन्यू व रविचंद्र को भी आरोपित बताया गया था। मारपीट के इस प्रकरण में दोनों पक्ष की ओर से मुकदमा लिखा गया था, जिसकी विवेचना सीओ हैदरगढ़ आलोक पाठक ने की है। अभिमन्यु ने बताया कि जिस समय की वारदात थी वह लोग मौके पर थे ही नहीं, बल्कि खेत में काम कर रहे थे, जिसके साक्ष्य व गवाह भी दे दिए थे। इसके बावजूद सीओ के पेशकार अशोक पांडेय उनसे नाम हटाने के लिए 50 हजार रुपये मांग रहा था। जिसकी रवि ने एंटी करप्शन से शिकायत की गई थी। टीम से तय रणनीति के तहत रवि 30 हजार रुपये लेकर गुरुवार दोपहर सीओ हैदरगढ़ कार्यालय पहुंचे, जहां रुपये देते ही टीम ने छापा मारकर रुपये लेने वाले चौकीदार रामकुमार निवासी पूरे मितई हैदरगढ़ और सुलतानपुर के हम्जाबाद जायसिंहपुर निवासी पेशकार अशोक कुमार पांडेय को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने कैमिकल लगे रुपयों को कब्जे में ले लिया। इसके बाद कोठी थाना पहुंचकर टीम ने प्रक्रिया पूरी करके दोनों के खिलाफ मुकदमा लिखा है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन अयोध्या की निरीक्षक अनुराधा सिंह की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया है।
जबकि निकल चुका था नाम :
एएसपी डा. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि इस मुकदमे में अन्य लोगों के साथ आरोपित बनाए गए रामानंद व उनके पुत्र अभिमन्यु व रविचंद्र का नाम 17 जनवरी को ही मुकदमा से निकाल दिया गया था। यही नहीं 29 जनवरी को अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र भी लग चुका है। इसके बावजूद पेशकार उन्हें धोखे में रखकर वसूली कर रहा था।