ककरहिया के पास बने कूड़ा निस्तारण प्लांट पर भारी संख्या में पड़ा कूड़ा
जिलाधिकारी के सामने पेश किया गया आंकड़ा जमीनी हकीकत से बिल्कुल विपरीत
बाराबंकी। कूड़ा निस्तारण की समीक्षा बैठक में नगर पालिका परिषद ने डीएम के समक्ष झूठा आंकड़ा पेश कर खूब वाहवाही बटोरी। जबकि हकीकत दावे से एकदम विपरीत है। जबकि डपिंग यार्ड के पास निवासी ही नगरपालिका के इस दावे को हवा-हवाई बता रहे हैं। यहां के नागरिक भारी संख्या में पड़े कचरे की बारिश में संभावित सडांध से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी दुश्वारियों को लेकर काफी घबराएं हैं।
पिछले शुक्रवार यानि आठ दिन पूर्व को डीएम शशांक त्रिपाठी ने कूड़ा निस्तारण पर समीक्षा बैठक की थी। जिसमें नगर पालिका परिषद नवाबगंज की ओर से डंप कूड़ा 42 हजार टन के सापेक्ष 41,813 टन का निस्तारित करा देने का दावा किया गया था। इनके अनुसार डपिंग यार्ड ककरहिया में मात्र 183 टन ही कूड़ा अब निस्तारण के लिए शेष है! जाहिर है कि लगभग शत प्रतिशत कूड़ा निस्तारित होने का आंकड़ा प्रस्तुत कर नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी ने डीएम से वाहवाही जरूर बटोरी होगी। नगर पालिका ने प्रतिदिन 400 टन कूड़ा एकत्र कर डम्पिग यार्ड में भेजने का भी दावा किया है।
जमीनी हकीकत दावे से विपरीतः डीएम के सामने कूड़ा निस्तारण पर प्रस्तुत किए गए आंकड़े जमीनी हकीकत से बिलकुल विपरीत हैं। ककरहिया के कूड़ा निस्तारण प्लांट पर जाकर देखा गया तो पाया गया कि यहां पर लगभग 80 हजार टन से ज्यादा कूड़ा अभी भी निस्तारण के लिए पड़ा हुआ है। हालात यह है कि निस्तारण के लिए कामद इंटरनैशनल की ओर से लाया गया प्लांट पिछले दो माह से बंद पड़ा है। पास मे रहने वाले वरिष्ठ वकील आरपी सिंह राजन, जेपी सिंह, चंदन त्रिपाठी व ज्ञान शुक्ला की माने तो प्रशासन का दावा झूठा है। पिछले दो माह से यहां पर अनुबंध पर लगाया गया प्लांट ही बंद पड़ा है। पिछले अगस्त से मार्च के बीच में जितना कूड़ा निस्तारित हुआ है, उससे दोगुना कूड़ा अभी भी एकत्र है। इससे हर रात व दिन में हवा के साथ उठने वाली दुर्गंध से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। वह आरोप लगाते है कि नगर पालिका परिषद प्रशासन कूड़ा निस्तारण के नाम पर भ्रष्टाचार कर रहा है। कूड़ा निस्तारण के नाम पर केवल बिल बाउचर बना कर ऑपचारिकता पूरी की जा रही है।
बरसात में होंगी दुश्वारियांः ककरहिया के कूड़ा डिस्पोजल प्लांट के आसपास के नागरिकों ने बताया कि प्लांट के परिसर का अभी 65 से 70 प्रतिशत हिस्सा कूड़ा से पटा है। बारिश आने वाली है। बावजूद इसके अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैंठे हैं। यहां के निवासी बताते हैं कि यदि बारिश से पहले पूरा कूड़ा निस्तारित नहीं किया गया तो उन लोगों का अपना जीवन तक बचाना मुश्किल हो जायेगा। कामद इंटरनैशनल कंपनी के एक कर्मी की माने तो कंपनी की ओर से लगाए गए प्लांट से पन्नी व कपड़ा, महीन व मोटी मिट्टी अलग की जाती है। इसमें से केवल महीन मिट्टी से ही खाद बनती है। 42 टन कूड़ा निस्तारण करने के बाद कंपनी को भुगतान नहीं किया गया। इससे आगे निस्तारण की प्रक्रिया रुकी हुई है। बताया जाता है कि परिसर में अभी भी 84 हजार टन कूड़ा निस्तारण को शेष है।
इस संदर्भ में नगर पालिका के अधिकाशी अधिकारी संजय शुक्ल से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
42 हजार टन कूड़ा निस्तारण की निविदा दोबारा होनी है। इसके कारण ही कार्य ठप है। मौके पर कितना कूड़ा है? यह ईओ ही बता पाएंगे। ”अरुण कुमार सिंह,एडीएम/नोडल अधिकारी नगरीय निकाय, बाराबंकी